राजा की रानी

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किन्तु मैं चुपकी लगाए रहा। उसने मेरे मुँह पर दृष्टि ठहरा कर फिर कहा, “यह तो खूब मोटी बात है कि जहाँ अधिकार नहीं वहाँ कर्तव्य भी नहीं। उन्होंने भी तो ...

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